Lecture 2 Dual Purpose Breed of Cow

 

Lecture 2

Dual Purpose Breeds of Cow

 

1.  कांकरेज

F उत्पति स्थान - गुजरात के बनासकांठा जिले के कांकरेज क्षेत्र से है।

F Other name -  वागड़, वगाड़िया, नागर , बोनई

F यह भारत की सबसे प्राचीन नस्ल है।

F यह गर्मियों के उच्च ताप को आसानी से झेल लेती है तथा इसकी रोग प्रतिरोध क्षमता बहुत अच्छी है।

F इस नस्ल के पशु अन्य पशुओं में आसानी से पहचाने जाते है।

F यह गाय एक ब्यांत में 1800 लीटर दूध देती है।

F इस नस्ल के  सींग आकार के बहुत बड़े होते है जिससे इनके चेहरे की सुंदरता बानी रहती है।

F इस  बैल अच्छे भारवाहक होते है इसी कारण इस नस्ल के गोवंश को द्वि परियोजनीय कहा जाता है।

F भारतीय गाय की नस्लों में सबसे भारी नस्ल है तथा बैल अपनी सवाई चाल के लिए प्रसिद्ध है। 

2.  थारपारकर

F उत्पति स्थान - पाकिस्तान का सिंध प्रान्त तथा दक्षिणी पूर्व में थारपारकर क्षेत्र है।  इसके अलावा ये गुजरात के कच्छ के रण क्षेत्र तथा राजस्थान के जैसलमेर,बाड़मेर ,तथा जोधपुर जिले में पाई जाती है।

F Another name - White sindhi, ग्रे सिंधी , थारी

F Male weight - 500   kg

F Female weight - 400   kg

F मिल्क प्रोडक्शन - 1600 - 2000  लीटर /ब्यांत

F वसा - 5  %

F इस नस्ल की गाय 38 -42  माह में पहली बार बच्चा देती है।

F इस नस्ल के पशु माध्यम आकार, भारी  शरीर , ललाट चौड़ा , रंग सफ़ेद होता है।

F इन पशुओं का रंग शीत ऋतू में तथा गर्भावस्था में गहरा हो जाता है।

F गलकम्बल लचीला और लसदार होता है।

F रेगिस्तान में बालू के टीलों की घास खाकर भी कई दिनों तक जीवन निर्वाह कर लेते है। 

3.  हरियाणवी नस्ल : -

F उत्पति स्थान - हरियाणा के रोहतक, हिसार , गुड़गांव व करनाल जिले।  राजस्थान में यह अलवर , भरतपुर में पाई जाती है।

F Male weight - 390 kg

F Female weight - 340 kg

F मिल्क प्रोडक्शन - 1200  लीटर /ब्यांत

F वसा - 4.5  %

F इस नस्ल की गाय  4 -5 वर्ष में पहली बार बच्चा देती है।

F इसकी आँखे बड़ी चमकीली एवं आकर्षक , ललाट पर उभार होता है। ललाट के उभार को होक नोककहा जाता है।

4.  मेवाती -

F उत्पति स्थान - मेवात क्षेत्र (उत्तर प्रदेश का मथुरा, हरियाणा का गुड़गाव और फरीदाबाद जिले )

F Another name - कोसी

F Male weight - 430 kg

F Female weight - 310 kg

F मिल्क प्रोडक्शन - 1000 -1200  लीटर /ब्यांत

F राजस्थान के अलवर व भरतपुर में पाई जाती है।

F सफ़ेद शरीर एवं काले थूथन वाले इन पशुओं का शरीर ढीला होता है।



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