Breeds of Goat
Breeds of Goats
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Breeds of Goat |
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36. |
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Rajasthan |
37. |
Gujari |
Rajasthan |
1. जमुनापारी - उत्तर
प्रदेश के इटावा जिले में
F यमुना नदी के पास होने के कारन जमुनापारी कहा
जाता है।
F राजस्थान में यह भरतपुर व धौलपुर जिले में
पाई जाती है।
F इसे "Miracle breed of goat" भी कहते है।
F रंग सफ़ेद कभी कभी भूरे या काले रंग के धब्बे
पाये जाते है।
F इस नस्ल की बकरियों की टांगे लम्बी व पिछ्ले
पैरों पर बाल पाए जाते है।(feathers )
F इस नस्ल में बकरियों का नाक उठा हुआ होता है
जिसे रोमन नाक/ तोतापुरी नस्ल भी कहा जाता है।
F सिर चौड़ा व उभरा हुआ तथा कान लम्बे लटकते हुए होते है।
F सींग पीछे की ओर मुड़े हुए होते है।
F यह बकरियों की भारी नस्ल है इनके नर का वजन 90 kg तथा मादा का वजन 60 kg होता है।
F यह 2 - 3
लीटर प्रतिदिन दूध देती है।
F वसा - 3.5 -5 %
F Purpose - दूध उत्पादन व मांस उत्पादन
2. बीटल –
F उत्पत्ति स्थान - पंजाब के गुरदासपुर जिले से। इसके अलावा अमृतसर पटियाला व कोटला क्षेत्र।
F रावी
नदी के क्षेत्र में इस नस्ल के उत्तम पशु पाए जाते है।
F रंग - काला व शरीर पर सफ़ेद धब्बे
F कान - लम्बे लटके हुए व कानों पर सफ़ेद
धारियां
F सींग लम्बे व पीछे की ओर
F औसत दूध उत्पादन - 1.8 लीटर प्रतिदिन
F अधिकतम
दूध उत्पादन 5.2
लीटर
F वसा - 3.5 - 5 %
F नर बकरों में दाढ़ी पाई जाती है।
F इस नस्ल में बकरियों का नाक उठा हुआ होता है
जिसे रोमन नाक/ तोतापुरी नस्ल भी कहा जाता है।
F नर का वजन - 75 kg
F मादा का वजन - 50 kg
3.
बारबरी
F उत्पति स्थान - पूर्वी अफ्रीका के सोमालिया
प्रदेश के बारबर क्षेत्र।
F यह नस्ल दिल्ली, हरियाणा में गुड़गांव, करनाल
तथा UP मथुरा
आगरा में पाई जाती है।
F रंग - सफ़ेद जिस पर भूरे या कत्थई रंग के धब्बे
F कान
- छोटे छोटे हिरन जैसे
F शरीर - मध्यम आकार का
F सींग - छोटे एवं मुड़े हुए
F नर बकरों में दाढ़ी पाई जाती है।
F औसत दूध उत्पादन - 2.5 से 3. 5 लीटर प्रतिदिन
F वसा - 4.5 - 5 %
F नर का वजन - 38 kg
F मादा का वजन - 23 kg
F इस नस्ल
बकरिया एक साल में दो बार ब्याती है और 2 बच्चो को जन्म देती है।
F इसे शहरी बकरी भी कहा जाता है।
F यह नस्ल घर पर बांधकर पालने व शहर के लिए
उपयुक्त नस्ल है।
F यह द्विपरियोजनीय नस्ल है।
4.
जखराना
F उत्पति स्थान - अलवर के बहरोड़ क्षेत्र (अलवर, भरतपुर में)
F कान पर काले व सफेद धब्बे पाए जाते है।
F दूध उत्पादन - 3 - 4 लीटर प्रतिदिन
F द्विपरियोजनीय नस्ल है
F इसकी खाल का चमड़ा उद्योग में प्रयोग किया
जाता है।
5.
सिरोही
F यह सिरोही की नस्ल है।
F यह नस्ल अजमेर रामसर स्थित बकरी अनुसंधान
केंद्र से विकसित हुई है।
F इसके अलावा उदयपुर, राजसमंद, भीलवाड़ा क्षेत्र।
F रंग - भूरा जिस पर सफ़ेद या काले धब्बे
F सिर छोटा कान लम्बे पतिनुमा लटके हुए।
F सींग छोटे व पिछे की ओर मुड़े हुए।
F टांगे लम्बी व पीछे की टाँगों पर बाल होते है।
F पीठ धनुषाकार होती है।
F दूध उत्पादन - 1 - 1.5 लीटर / दिन
F वसा % - 3. 5 - 4.5 %
F नर का वजन - 50 kg
F मादा का वजन - 40 kg
F इस नस्ल की बकरियों का मांस स्वादिष्ट होता
है।
v Exotic Breeds of Goat
1.
टोगनबर्ग
-
o उत्पति स्थान - स्विटज़रलैंड की टोगनबर्ग घाटी
o रंग - हल्का भूरा व मुँह, पूंछ और पैर पर सफ़ेद धब्बे।
o शरीर मध्यम आकार का, कान छोटे व सीधे।
o औसत दूध उत्पादन - 5 -6 लीटर / दिन
o विदेशी नस्लों में सबसे ज्यादा दूध देने वाली
नस्ल।
o लगातार 2
वर्षों तक दूध देती है।
o दूध में वसा की मात्रा - 3 - 4 %
2.
अंगोरा
o उत्पति स्थान - तुर्की
o इस नस्ल से रेशमी मुलायम बाल प्राप्त होते
है।
o यह नस्ल बालों के लिए पाली जाती है तथा इससे
प्राप्त होने वाले बालों को मोहेर कहते है।
o इस नस्ल की बकरियों के सींग लम्बे तथा कान
छोटे होते है।
o नर का वजन - 35 kg
o मादा का वजन - 22 kg होता है।
o दूध उत्पादन - 0.5 kg/day
o यह भेड़ जैसी दिखाई देने वाली बकरी की नस्ल
है।
3.
सानेन
o उत्पति स्थान – स्विटज़रलैंड
o इस नस्ल को मिल्क क्वीन के नाम जाता है।
o दूध उत्पादन - 1 -3 लीटर / दिन
o नर व मादा दोनों में ढाढी पाई जाती है।
4.
एंग्लो
- नुबियन
o उत्पति स्थान - इंग्लैंड
o यह dual purpose नस्ल
है।
o इसे बकरियों की जर्सी गाय भी कहा जाता है।
o एंग्लो नूबियन = जमुनापारी X न्यूबियन
o विदेशी बकरियों की सबसे भारी नस्ल
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