Breeds of Goat

 

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1.  जमुनापारी - उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में

F यमुना नदी के पास होने के कारन जमुनापारी कहा जाता है।

F राजस्थान में यह भरतपुर व धौलपुर जिले में पाई जाती है।

F इसे "Miracle breed of goat" भी कहते है।

F रंग सफ़ेद कभी कभी भूरे या काले रंग के धब्बे पाये जाते है।

F इस नस्ल की बकरियों की टांगे लम्बी व पिछ्ले पैरों पर बाल पाए जाते है।(feathers )

F इस नस्ल में बकरियों का नाक उठा हुआ होता है जिसे रोमन नाक/  तोतापुरी  नस्ल भी कहा जाता है।

F सिर चौड़ा व उभरा हुआ तथा कान लम्बे लटकते हुए होते है।

F सींग पीछे की ओर मुड़े हुए होते है।

F यह बकरियों की भारी नस्ल है इनके नर का वजन 90 kg तथा मादा का वजन 60 kg  होता है।

F यह 2 - 3 लीटर प्रतिदिन दूध देती है।

F वसा - 3.5 -5 %

F Purpose - दूध उत्पादन    मांस उत्पादन 

2.  बीटल –

F उत्पत्ति स्थान - पंजाब  के गुरदासपुर जिले से।  इसके अलावा अमृतसर पटियाला व कोटला क्षेत्र।

F रावी  नदी के क्षेत्र में इस नस्ल के उत्तम पशु पाए जाते है।

F रंग - काला व शरीर पर सफ़ेद धब्बे

F कान - लम्बे लटके हुए व कानों पर सफ़ेद धारियां

F सींग लम्बे व पीछे की ओर

F औसत दूध उत्पादन - 1.8 लीटर प्रतिदिन

F अधिकतम  दूध उत्पादन 5.2 लीटर

F वसा - 3.5 - 5 %

F नर बकरों में दाढ़ी पाई जाती है।

F इस नस्ल में बकरियों का नाक उठा हुआ होता है जिसे रोमन नाक/  तोतापुरी  नस्ल भी कहा जाता है।

F नर का वजन - 75 kg

F मादा का वजन - 50 kg

3.  बारबरी

F उत्पति स्थान - पूर्वी अफ्रीका के सोमालिया प्रदेश के बारबर क्षेत्र।

F यह नस्ल दिल्ली, हरियाणा में गुड़गांव, करनाल तथा UP  मथुरा आगरा में पाई जाती है।

F रंग - सफ़ेद जिस पर  भूरे या कत्थई रंग के धब्बे

F कान  - छोटे छोटे हिरन जैसे

F शरीर - मध्यम आकार  का 

F सींग - छोटे एवं मुड़े हुए


F नर बकरों में दाढ़ी पाई जाती है।

F औसत दूध उत्पादन - 2.5  से 3. 5 लीटर प्रतिदिन

F वसा - 4.5 - 5 %

F नर का वजन - 38  kg

F मादा का वजन - 23 kg

F इस नस्ल  बकरिया एक साल में दो बार ब्याती है और 2  बच्चो को जन्म देती है।

F इसे शहरी बकरी भी कहा जाता है। 

F यह नस्ल घर पर बांधकर पालने व शहर के लिए उपयुक्त नस्ल है।

F यह द्विपरियोजनीय नस्ल है।

4.  जखराना

F उत्पति स्थान - अलवर के बहरोड़ क्षेत्र (अलवर, भरतपुर में) 

F कान पर काले व सफेद धब्बे पाए जाते है।

F दूध उत्पादन - 3 - 4 लीटर प्रतिदिन


F द्विपरियोजनीय नस्ल है

F इसकी खाल का चमड़ा उद्योग में प्रयोग किया जाता है।

5.  सिरोही

F यह सिरोही की नस्ल है।

F यह नस्ल अजमेर रामसर स्थित बकरी अनुसंधान केंद्र से विकसित हुई है।

F इसके अलावा उदयपुर, राजसमंद, भीलवाड़ा क्षेत्र।

F रंग - भूरा जिस पर सफ़ेद या काले धब्बे

F सिर छोटा कान लम्बे पतिनुमा लटके हुए।

F सींग छोटे व पिछे की ओर मुड़े हुए।

F टांगे लम्बी व पीछे  की टाँगों पर बाल होते है।

F पीठ धनुषाकार होती है।

F दूध उत्पादन - 1 - 1.5 लीटर / दिन

F वसा % - 3. 5 - 4.5 %

F नर का वजन - 50 kg

F मादा का वजन - 40 kg

F इस नस्ल की बकरियों का मांस स्वादिष्ट होता है।

v Exotic Breeds of Goat

1.  टोगनबर्ग -

o   उत्पति स्थान - स्विटज़रलैंड की टोगनबर्ग घाटी

o   रंग - हल्का भूरा व मुँह, पूंछ और पैर पर सफ़ेद धब्बे।

o   शरीर मध्यम आकार का, कान छोटे व सीधे।

o   औसत दूध उत्पादन - 5 -6 लीटर / दिन

o   विदेशी नस्लों में सबसे ज्यादा दूध देने वाली नस्ल।

o   लगातार 2 वर्षों तक दूध देती है।

o   दूध में वसा की मात्रा - 3 - 4 %

2.  अंगोरा

o   उत्पति स्थान - तुर्की

o   इस नस्ल से रेशमी मुलायम बाल प्राप्त होते है।

o   यह नस्ल बालों के लिए पाली जाती है तथा इससे प्राप्त होने वाले बालों को मोहेर कहते है।

o   इस नस्ल की बकरियों के सींग लम्बे तथा कान छोटे होते है।

o   नर का वजन - 35 kg

o   मादा का वजन - 22 kg होता है।

o   दूध उत्पादन - 0.5 kg/day

o   यह भेड़ जैसी दिखाई देने वाली बकरी की नस्ल है।

 

3.  सानेन

o   उत्पति स्थान – स्विटज़रलैंड

o   इस नस्ल को मिल्क क्वीन के नाम  जाता है।

o   दूध उत्पादन - 1 -3 लीटर / दिन

o   नर व मादा दोनों में ढाढी पाई जाती है।

4.  एंग्लो - नुबियन

o   उत्पति स्थान - इंग्लैंड

o   यह dual purpose नस्ल है।

o   इसे बकरियों की जर्सी गाय भी कहा जाता है।


o   एंग्लो नूबियन = जमुनापारी X न्यूबियन

o   विदेशी बकरियों की सबसे भारी नस्ल

 

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