Cloud formation and classification
q अधिक ऊंचाई पर हवा में निलंबित पानी की छोटी छोटी बूंदों का एक
एकत्रीकरण ”बादल के रूप में कहा जाता है।) या
q धरातल से विभिन्न ऊंचाइयों पर जलवाष्प के सघनन के फलस्वरूप निर्मित जल बिन्दुकों या हिमकणो के समूह को बादल कहते है।
q एक बादल छोटे पानी की बूंदों और / या बर्फ के
क्रिस्टल का एक दृश्यमान समुच्चय है जो वायुमंडल में निलंबित है और विभिन्न आक्रति और आकारों में मौजूद हो
सकता है।
q कुछ बादल वर्षा के साथ होते हैं; बारिश, बर्फ, ओले, ओले के साथ वर्षा, यहां तक कि ठंड बारिश।
q जहाँ भी पर्याप्त नमी हो वहां वातावरण के किसी भी
स्तर पर बादल छा सकते हैं।
q वायुमंडल की परत जहां लगभग सभी बादल मौजूद हैं, क्षोभ मंडल है, हालांकि कुछ गंभीर गड़गड़ाहट के शीर्ष कभी-कभी ट्रोपोपॉज को छेदते हैं।
Ø बादलों का वर्गीकरन
1. समान्य रूप स्वरूप के आधार पर
q पक्षाभ बादल ( Cirrus Clouds)
q कपासी बादल ( Comulus Clouds)
q सतरी बादल ( Stratus
Clouds)
q वर्षी बादल
(Nimbus Clouds)
2. ऊंचाई के आधार पर बादलों का वर्गीकरन
1. उच्च बादल (High clouds) –
5-13 KM
2. मध्य बादल (
Middle clouds ) – 2- 7 KM
3. निम्न बादल ( Low Clouds ) – 2 KM से कम
4.लम्बवत विकसित बादल (Vertically developed clouds) - तल से 15 KM तक
1. High clouds (उच्च बादल)
1. पक्षाभ बादल (Cirrus clouds)
q वायुमंडल मे सबसे अधिक ऊंचाई पर पाये जाने
वाले इन बादलों की रचना हिमकणों से होती है।
q इनकी औसत ऊंचाई समुद्रतल से 6 km से tropopause तक होती है।
q पक्षाभ बादल सफ़ेद रंग के लगभग पारदर्शक होते है।
q इन बादलों
से सूर्य चंद्रमा का प्रकाश पृथ्वी तक पहुँच जाता है ।
q ये बादल आकाश मे अलग अलग न होकर महीन और सफ़ेद चादर के समान होते है।
q ये भी पारदर्शी होते है।
q ये बादल सूर्य ओर चंद्रमा के चारों ओर प्रभामंडल (holo) का निर्माण करते है।
q प्रभामंडल का बनना चक्रवात के आगमन की सूचना उपलब्ध करने मे सहायक है।
3. Cirrocumulus Clouds (पक्षाभ कपासी बादल)
q ये बादल आकाश मे महीन बर्फीली पट्टियों अथवा लाइन मे रखे हुए मटर के दानो के समान दिखाई देते है ।
q ये समान्यता समुन्द्र तटीय रेत पर बनी ripples के समान प्रतीत होते है।
q इन्हे “Markerel Sky” भी कहा जाता है।
2. Middle clouds (मध्यम
बादल): - 2-7 KM की ऊंचाई पर (ये बादल जल बिन्दुकों या हिम बिन्दुकों या दोनों को मिला के बनते है।
1. Altostratus
Clouds (मध्य सतरीय बादल)
q ये बादल भूरे या हल्का नीलापन लिए हुए भूरे रंग के होते है ।
q ये बादल आकाश में पतली चादर के रूप मे फेले
रहते है।
q ये बादल cirro-stratus की अपेक्षा अधिक सघन होते है।
q कहीं कहीं बादलों
की पतली चादर से सूर्य अथवा चंद्रमा का प्रकाश धुंधला दिखाई देता है।
q इनसे सूर्य और चंद्रमा के चारों ओर carona का निर्माण होता है।
2. Altocumulus
clouds (मध्य कपासी बादल)
q ये बादल क्रमबद्ध कतारों, लहरों या समूहों के रूप मे पाये जाते है।
q मध्य कपासी बादल के बीच कभी कभार उपर उठती हुई वायु के कारण इनका विकास ऊर्ध्वाधर रूप मे होता है।
q पहाड़ों की चोटियों पर दिखने वाले बादल भी इसी श्रेणी मे आते है।
q मध्य सतरीय और मध्य कपासी दोनों प्रकार के बादल एक दूसरे मे परिवर्तित हो सकते है।
q इन दोनों ही प्रकार के बादलों से वर्षा हो सकती है परंतु उनका पृथ्वीतल पर पहुँचना जरूरी नही।
q मध्य कपासी बादल मे मौसम सुहावना दिखाई देता है।
3. Low clouds (निम्न बादल) - पृथ्वी तल से 2 KM की ऊंचाई तक
1. Stratus Clouds (सतरी बादल)
q ये बादल समान्यतया निचली ऊंचाई पर अधिक पाये जाते है ये कोहरे के समान दिखते है परंतु ये सतह से ऊंचाई पर बनते है ।
q वायु के द्वारा खंडित हो जाने पर ये fractostratus कहलाते है।
q इन बादलों से हल्की वर्षा होती है।
2. Nimbo-stratus clouds (वर्षा सतरी बादल)
q इन बादलों का रंग गहरा भूरा होता है तथा ये काफी सघन होते है।
q इनकी सघनता के कारण अंधकार छा जाता है।
q इन बादलों से वर्षा या हिम व्रष्टि होती है।
3. Strato cumulus clouds (सतरी कपासी बादल)
q ये कतारों, समुंहों या लहरों के रूप मे जमाये गए गुछों के रूप मे दिखाई देते है।
q ये बादल समान्यतया स्वच्छ मौसम के सूचक होते है परंतु कभी कभी किसी बादल के कतार या समूह से हल्की वर्षा हो सकती है।
4. Vertically developed clouds (लम्बवत विकसित बादल)
F Two Types
1.
Comulus Clouds (कपासी बादल)
2.
Comulus nimbus clouds (कपासी वर्षी बादल)
1. Cumulus Clouds (कपासी बादल)
q कपासी बादल आकाश मे धुन्नी हुई रुई के ढेर के समान दिखाई देते है।
q इन बादलों का ऊर्ध्वाधर विकास काफी अधिक होता है।
q इसके खंड आकाश मे गुम्बदाकार रूप मे दिखाई पड़ते है जिंका शीर्ष फुलगोभी जैसा तथा आधार तल समतल होता है।
2. Cumulus nimbus clouds (कपासी वर्षी बादल)
q ये काफी लम्बवत विकास वाले बादल है जिनकी ऊंचाई आधार से शीर्ष तक कभी कभी 12 KM या उससे अधिक तक होती है।
q इनसे गरज और चमक के साथ साथ भारी वर्षा हिमपात व ओलों की व्र्ष्टि होती है।
q कभी कभी काफी संख्या मे निर्मित कपासी मेघ आपस मे जुड़कर पूरे आकाश मे कपासी वर्षा के रूप मे फैल जाते है।
Note: -
ü Cirro
stratus clouds मे Halo (प्रभामंडल) का निर्माण सूर्य व चंद्रमा के चारों ओर होता है । halo हिमकणो द्वारा होने प्रकाश के अपवर्तन से बंता है।
ü Alto stratus
व alto cumulus बादलों के द्वारा सूर्य व चंद्रमा के चारों ओर केरोना (carona) का निर्माण होता है। carona का निर्माण पनि की बूंदों से प्रकाश के परावर्तन के कारण होता है ।
ü Carona का व्यास halo से कम होता है।
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