Lecture - 2 Harmful effects of weed
Harmful Effects of Weeds
- v Effect on Soil moisture (मृदा नमी पर प्रभाव)
ü फसल के पोधों की तरह खरपतवार भी मृदा से नमी का उपयोग करते है ।
ü कभी कभी खरपतवारों की जल मांग मुख्य फसल की जल मांग से भी अधिक होती है
ü जैसे – ज्वार का जलोत्सर्जन गुणांक 430 है, जबकि दूब का 313, कुंदा का 556, टेफेरोज़िया परप्यूरिया का 1108 जलोत्सर्जन गुणांक है ।
ü फसल के पकने के लिए जितने पानी की आवश्यकता होती है खरपतवार के पोधे इसमे से भी आधी जल की मात्रा का उपयोग कर लेते है
जिसके फलस्वरूप फसल के लिए जल की कमी हो जाती है ।
ü जल के लिए प्रतियोगिता असिंचित क्षेत्रों मे अधिक होती है ।
- v Effects on nutrients in the soil (मृदा मे पोषक तत्वों का प्रभाव)
ü मृदा से विभिन्न पोषक तत्व जो फसलों के लिए उपयोगी होते है , खरपतवारों के द्वारा 7-20% तक ग्रहण कर लिए जाते है ।
ü गेहूं की फसल के खरपतवारों के द्वारा 17-20 kg नाइट्रोजन/hac., पोहली (Carthamus oxycantha) 60 kg नाइट्रोजन/hac., धान के खेत मे साँवाँ घास (Echinocloa crussgali) से 60-80% नाइट्रोजन प्रतिवर्ष ग्रहण कर लेती है ।
ü आलू के खेत मे अगर खरपतवार अधिक है तो 86
Kg नाइट्रोजन, 96 kg फास्फोरस, 75.5 पोटास खरपतवारों के द्वारा ग्रहण कर लिया जाता है ।
- v Effect on Crop Yield (फसलों की उपज पर प्रभाव)
ü खरपतवारों के द्वारा फसलों की उपज मे 5-50% तक कमी आ जाती है ।
ü सीधे बोये गए धान की फसल मे खरपतवारों से 90 % व गेहूं की फसल मे खरपतवारों से 10-15% तक उपज मे कमी आ जाती है ।
- v
फसलों
के गुणों पर प्रभाव (Effect on Crop Quality)
ü फसलों के दानों से तेल व प्रोटीन की प्रतिशतता खरपतवारों के कारण कम हो जाती है।
ü गन्ने के पोधे मे चीनी की प्रतिशतता कम हो जाती है, सब्जियों के गुणों पर भी कुप्रभाव होता है, चारे की फसल के गुण भी नष्ट हो जाते है जिससे फसल की कीमत गिर जाती है ।
ü खरपतवारों के कारण, फसल के बीज प्रमाणित स्तर से नीचे रहने के कारण अस्वीकृत हो सकते है ।
ü मौथा जब सूखे चारों जैसे ‘हे ‘ या साइलेज मे मिला होता है तो यह चारे की पाचनशीलता को कम कर देता है।
ü गन्ने मे रस की गुणवता 3-9% तक स्ट्रीगा खरपतवार से कमहो जाती है ।
ü कपास मे कई खरपतवार कपास के साथ चिपक कर, उसकी ओटाई गुणवता को घटाते है ।
- v
Harbour to Insect pest and Disease (रोग एवं कीटों का आरक्षण)
ü खरपतवार के पौधे, फसलों के पोधों पर आक्रमण करने वाले विभिन्न कीट-पतंगों व बीमारियों के जीवाणुओ को शरण देकर, फसल को हानि पहुंचाते है।
खरपतवार |
कीट-पतंगे |
निर्वाहक फसलें (Crop होस्ट) |
हिरनखुरी |
मेलन एफिस |
कुकुरबीट |
चीकवीड |
मेलन एफिस |
कुकुरबीट |
जंगली सरसों |
मेलन एफिस |
कुकुरबीट, संतरा |
कपास कुल |
पिंक बाल नार्म |
कपास, ब्रोकोलाई |
- v Effect on farmer’s Income (किसान की आय पर प्रभाव)
ü खेत मे खरपतवार अधिक होने पर उनको नष्ट करने के लिए अतिरिक्त धनराशि व फसल की पैदावार बढ़ाने के लिए अतिरिक्त खाद व उर्वरक डालना पड़ता है जो की किसान की आय कम कर देता है ।
ü बहुवर्षीय खरपतवारों का प्रकोप अधिक होने पर उन्हे नष्ट करने के लिए, मजदूरों पर अधिक खर्च करना पड़ता है ।
- v
Depreciation of land value (भूमियों के मूल्य मे कमी)
ü कृषि योग्य भूमि जब बहुवर्षीय खरपतवारों से ढकी रहती है तो उनकी कीमत गिर जाती है ।
- v Effect on the quality of livestock products (पशु उत्पादित पदार्थो पर प्रभाव)
ü कुछ खरपतवार जैसे जंगली लहसुन व हुलहुल आदि जब दूध देने वाले पशुओं के द्वारा खा लिए जाते है तो उनके दूध से विशेष प्रकार की अनइछित गंध आने लगती है ।
ü चिरचिटा व बीछू घास (Xanthium strumarium) जब
भेड़ की ऊन से चिपक जाते है तो उनके गुणों मे कमी आ जाती है ।
- v
Weeds are harmful to human beings (खरपतवार मनुष्यों के लिए हानिकारक)
ü खरपतवार पशुओं के स्वास्थय के अतिरिक्त मनुष्यों की त्वचा मे खुजली, चिड़चिड़ापन आदि रोग पैदा करते है ।
ü एग्रोस्टेमा गिथागो के बीज जहरीले होते है और अनाज मे 0.5% मात्रा पर भी आटे को जहरीला बना देते है ।
ü Parthenium, ऑक इत्यादि को स्पर्श करने से एलर्जी होती है ।
- v Effect on soil productivity (भूमि की उत्पादकता पर प्रभाव)
ü मृदा से खरपतवार अनेकों पोषक तत्वों को ग्रहण करके मृदा उत्पादकता को कम करते है ।
ü कुछ खरपतवार मृदा मे अपनी जड़ों द्वारा विषेला पदार्थ छोड़ते है जो आगे बोई जाने वाली फसलों के लिए बहुत हानिकारक होते है ।
ü क़्वैक घास की जड़ों से निकला पदार्थ मटर व गेहूं की फसलों के अंकुरण व व्रद्धि पर कुप्रभाव डालते है ।
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